Sankranti bahana hai
संक्रान्ति बहाना है
वल्लभ तुम से मिलने का संक्रान्ति बहाना है
दुनिया वाले कुछ भी कहे मेरा दिल तो दीवाना है
गुजरावाला में ढूँढा तुझे गुरू बरोड़ा मे पाया है
दिल्ली के स्मारक में मेरे वल्लभ का बसेरा है
मारवाड़ में ढूँढा तुझे गुरू पंजाब मे पाया है
बायकला समाधि मंदिर में मेरे वल्लभ का बसेरा है
गंगा में ढूँढा तुझे वल्लभ यमुना मे पाया है
सागर की लेहरों में मेरे वल्लभ का बसेरा है
सूरज में ढूँढा तुझे वल्लभ चंदा मे पाया है
तारों की टिमटिम में मेरे वल्लभ का बसेरा है
समुद्र में ढूँढा तुझे वल्लभ, इंद्रदिन मे पाया है
रत्नाकर सूरीश्वर में मेरे वल्लभ का बसेरा है