Mere Ghar ke Aage Dada
मेरे घर के आगे दादा, तेरा मन्दिर बन जाये,
जब खिड़की खोलूं तो तेरा दर्शन हो जाये
मेरे घर के आगे.....
जब होगी आरती तेरी, घण्टी सुनाई देगी,
मुझे रोज सवेरे तेरी, मूरत दिखाई देग......2
जब भजन करे कोई....2
मुझ को भी सुन जाये
मेरे घर के आगे दादा.....
मैं आते जाते दादा, तुझको शीश नमाऊँगा,
तेरी पूजा भक्ति कर के, तुझको रोज मनाऊँगा .....2
तेरी सेवा करने से ....2
मेरी किस्मत खुल जाये
मेरे घर के आगे दादा........
जब गुरु पूर्णिमा आए, तेरी आंगी रचाऊँगा,
तेरे मंदिर आके दादा, तेरी पूजा रचाऊँगा....2
तेरी पूजा करने से....2
सबका कष्ट कट जाये
मेरे घर के आगे दादा........
जब खिड़की खोलूं तो तेरा दर्शन हो जाये
मेरे घर के आगे.....
जब होगी आरती तेरी, घण्टी सुनाई देगी,
मुझे रोज सवेरे तेरी, मूरत दिखाई देग......2
जब भजन करे कोई....2
मुझ को भी सुन जाये
मेरे घर के आगे दादा.....
मैं आते जाते दादा, तुझको शीश नमाऊँगा,
तेरी पूजा भक्ति कर के, तुझको रोज मनाऊँगा .....2
तेरी सेवा करने से ....2
मेरी किस्मत खुल जाये
मेरे घर के आगे दादा........
जब गुरु पूर्णिमा आए, तेरी आंगी रचाऊँगा,
तेरे मंदिर आके दादा, तेरी पूजा रचाऊँगा....2
तेरी पूजा करने से....2
सबका कष्ट कट जाये
मेरे घर के आगे दादा........
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