Mere Dil Mein Aarzoo


वल्लभ गुरु मेरे दिल में आरजू
मेरी आँखें हैं करती तुम्हारा इंतजार
आना कभी तुम यहाँ, आना कभी तुम यहाँ,

आना कभी देख जाना कभी
मेरे गुलशन में आई है फिर से बहार
ओ बाग के बागवां, ओ बाग के बागवां

तेरे फूल और डालियाँ, भवरों से है खेलते,
धीमे धीमे चारसूं, वे मुस्कुराहटें बिखेरते
चाँद आज गगन में नाचता है मगन में
जोश आया पवन में, है बहार चमन में

वल्लभ गुरु मेरे दिल में आरजू
मेरी आँखें हैं करती तुम्हारा इंतजार
आना कभी तुम यहाँ, आना कभी तुम यहाँ,

बुलबुल है यूं गा रही , अपनी मीठी ज़ुबान से
सारा जग मुस्कुरायेगा, इक तेरी मुस्कान से,
सुन जरा ऐ आसमां, मस्त की ये दास्तां
जो हमारे पासवां भेज दे उनको यहाँ

वल्लभ गुरु मेरे दिल में आरजू
मेरी आँखें हैं करती तुम्हारा इंतजार
आना कभी तुम यहाँ, आना कभी तुम यहाँ,

Sing in the tune of Aaja Sanam Madhur Chandani 
 This was favorite of my grandmother, Shreemati Rajkumari Jain.
This bhajan in her lovely voice still resounds in my heart.
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