O Jeene-Wale Jeena Hai To




ओ जीने वाले, जीना है तो, जीवन, मधुर, बनाया कर॥
तन से मन से और वाणी से, अमृत कण वरसाया कर॥

जो बढ़ता है उसे बढ़ने दे, वैभव के शिखर पर चढ़ने दे॥
मत मन की ज्वाला उमड़ ने दे, मत मन को व्यर्थ जलाया कर, मत मन को व्यर्थ जलाया कर॥ ओ जीने वाले....

वृक्षों की तरा बन कर निश्छल, अपना सर्वस्व लुटाता चल॥
जो आया उसको देकर फल, फिर ठण्डी ठण्डी छाया कर, फिर ठण्डी ठण्डी छाया कर॥ ओ जीने वाले....


गरीबों से बच कर चल ता है, ये सबसे बड़ी दुर्बलता है॥
जीवन की यही तो सफलता है, तू काम किसी के आया कर, तू काम किसी के आया कर॥ ओ जीने वाले....

सागर का शांत किनारा बन असहायों का तू सहारा बन, अविचल उज्वल ध्रुव तारा बन॥
सबको सन मार्ग दिखाता चल,  सबको सन मार्ग दिखाता चल॥ ओ जीने वाले....

- Typed by Krisha Jain

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